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Showing posts from June, 2017

वास्तु और पुरुषार्थ चतुष्ठय

आजकाल वास्तु की चर्चा काफी ज्यादा हो रहा है। लोगो वास्तु के अनुसार गृह निर्माण करना पसंद करते है। वास्तु की पुस्तक की पुस्तक दुकानो पर काफी ज्यादा उपलब्ध हो रहा है। गणमाध्यम चाहे वो इलेक्ट्रॉनिक हो या समाचार पत्र वास्तु के ऊपर चर्चा हो रहा है। ऐसा लग रहा है हम वास्तु युग मे आ चुके है।  प्रश्न उठता है वास्तु का अर्थ क्या है ? और उसका मनुष्य जीवन के साथ क्या सम्पर्क है ? मैने कुछ लोगों को पूछा वास्तु कहने से आप क्या समझ ते है ? उनका जो उत्तर था वो इस तरहा से था  गृह के वस्तुओं को दिशा के अनुसार रखना या कोई दीवार को तोड़फोड़ करना या कोई यन्त्र दीवारों पर लगाना आदि को वास्तु कहते है । क्या सच्च मे इसको वास्तु कहते है ! इसको वास्तु नहीं कहते। हाँ इतना जरूर कहूँगा वास्तु के नाम ज्योतिषियों ने लोगो की मन मे भय की सृस्टि करके रुपया कमाने का अच्छा उपाय कर रखे है। जवतक हम वास्तु क्या है इसका सही जानकारी ना हो जाए और वास्तु का मनुष्य जीवन के साथ क्या सम्पर्क है, इसकी सही जानकारी ना हो जाए, तवतक हम इस वास्तु रूपी अन्धकूप मे पड़े रहेंगे। वास्तु शब्द संस्कृत भाषा से ...