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उपस्कारक ग्रंथ

इस ब्लॉग के हर एक पोस्ट मे मैने उपस्कारक ग्रंथ सूचि दे दिया है। मेरे वहुत सारे मित्र पूछ रहे है इस ब्लॉग के लिखने के लिए किस किस पुस्तक का सहायता लिया हूँ। मैने जिस जिस पुस्तक से अभी तक सहायता लिया हूँ, उसका सूची इसप्रकार है।  
  1. आयुर्वेदीय हितोपदेश : वैद्य रणजीत राय देसाई, श्री वैद्यनाथ आयुर्वेद भवन प्रा. लि., नागपुर, संस्करण २००५ ई।
  2. काश्यपीयकृषिपद्धति : कश्यप मुनि , व्यख्याकार डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू, चौखम्बा संस्कृत सीरीज आफिस, वाराणसी, संस्करण २०१३ ई। 
  3. गृहवास्तु प्रदीप : अज्ञात कृत, व्याख्याकार  डॉ. शैलजा पाण्डेय, चौखम्बा सुरभारती प्रकाशन, वाराणसी, संस्करण २०१० ई।
  4. गुहरत्नभूषण : श्री मातृप्रसाद पाण्डेय, ज्योतिष प्रकाशन, वाराणसी, संस्करण २००९ ई। 
  5. ज्योतिष रत्नमाला: श्रीपति भट्टाचार्य,  डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू, परिमल पब्लिकेशंस, दिल्ली, संस्करण २००४ ई।
  6. ज्यातिषवृतशतं : महेश्वरोपाध्याय कृत, सम्पादका एबं अनुवादक डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू, चौखम्बा संस्कृत सीरीज आफिस, वाराणसी, संस्करण २००८ ई।
  7. ज्यातिषसार : ज्योतिर्विद शुकदेव विरचित, टिककर पंडित केशव प्रसाद शर्मा द्विवेदी। संशोधक पंडित राधाकृष्ण मिश्र, खेमराज श्रीकृष्णदास, मुंबई, संस्करण २००५  ई।
  8. दीपिका वा शुद्ध दीपिका : महामहोपाध्याय श्रीनिवास प्रणीत कन्हेयालाल मिश्र टिका, खेमराज  श्रीकृष्णदास, मुंबई, संस्करण २००८ ई।
  9. देवालय चन्द्रिका : नारायण नम्बूदिरी, सम्पादका एबं अनुवादक डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू  एबं अनुभूति चौहान, परिमल पब्लिकेशंस, दिल्ली, संस्करण २०१५ ई।
  10. नारद संहिता :नारद मुनि, व्याख्याकार आचार्य रामजन्य मिश्र, चौखम्भा संस्कृत भवन, वाराणसी, संस्करण २०१५ ई।
  11. न्याय दर्शन :गौतम, अनुवादक ठाकुर उदय नारायण सिंह, चौखम्बा संस्कृत सीरीज आफिस, वाराणसी,  संस्करण २०१५  ई।
  12. न्याय दर्शन :गौतम, व्याख्याकार उदयवीर शास्त्री, विजयकुमार गोविन्द राम  हासानंदा, दिल्ली, संस्करण २०१७  ई।
  13. पञ्चतन्त्र: श्रीविष्णुशर्मा प्रणीत, व्याख्याकार श्री श्यामचरण पाण्डेय, मोतीलाल बनारसी दास, दिल्ली, संस्करण २००६ ई।
  14. प्रमाणमंजूरी : सूत्रधार मल्ल,सम्पादका एबं अनुवादक डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू,चौखम्बा कृष्णदास अकादमी, वारणशी, संस्करण २००४  ई।
  15. ब्रह्मसूत्र : बादरायण, व्याख्याकार उदयवीर शास्त्री, विजयकुमार गोविन्द राम  हासानंदा, दिल्ली, संस्करण २०१४ ई।
  16. बृहद वास्तुमाला: श्री रामनिहोर द्विवेदी, संपादक डॉ. ब्रह्मानंद त्रिपाठी एबं डॉ. रवि शर्मा, चौखम्बा सुरभारती प्रकाशन, वाराणसी संस्करण २०१४ ई। 
  17. बृहत शिल्पशास्त्र : दयानिधि खड़ीरत्न, धर्मग्रन्थ स्टोर, कटक, संस्करण २००२ ई। 
  18. मयमत: मयमुनि, सम्पादका एबं अनुवादक डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू  एबं प्रो  भवर शर्मा, चौखम्बा संस्कृत सीरीज आफिस , वाराणसी, संस्करण २००४  ई।
  19. मण्डपकुण्डसिद्धि : श्रीमद्विट्ठल दीक्षित कृत, व्यख्याकार आचार्य श्रीनिवास शर्मा, चौखम्बा कृष्णदास अकादमी, वारणशी, संस्करण २००२ ई।
  20. मनुस्मृति : मनु, भाष्यकार डॉ. सुरेन्द्रकुमार, आर्ष साहित्य प्रचार ट्रस्ट, दिल्ली, संस्करण २००५ ई।
  21. मर्म विज्ञान: पं रामरक्ष पाठक, चौखम्भा अमरभारती प्रकाशन, वाराणसी, संस्करण २००६ ई।
  22. मुहूर्त चिंतामणि : श्रीरामाचार्य, व्याख्याकार महीधर शर्मा, खेमराज श्रीकृष्णदास, मुंबई , संस्करण २००८ ई।
  23. मानसार : मानसार, टिकाकार शेवप्रसाद वर्मा, स्थापत्य वेद शिक्षण एबं शोध संस्थान, इंदौर, संस्करण २००९ ई। 
  24. मनुष्यालय चन्द्रिका : नारायण नम्बूदिरी, सम्पादका एबं अनुवादक डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू, चौखम्बा कृष्णदास अकादमी, वारणशी, संस्करण २०१३ ई। अंग्रजी मे इंजीनियरिंग टिका , डॉ. ए अच्युतन तथा डॉ बालगोपाल टी एस प्रभु , वास्तुविद्या प्रतिस्थानम , कालीकट, संस्करण १९९८ ई।  
  25. मुहूर्त दीपक : श्रीमहादेव भट्ट, सम्पादका एबं अनुवादक डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू, चौखम्बा संस्कृत सीरीज आफिस, वाराणसी, संस्करण २००६  ई।
  26. योगयात्रा : वराहमिहिर, ब्याख्याकार डॉ.  सत्येन्द मिश्र, चौखम्बा कृष्णदास अकादमी, वारणशी, संस्करण २०१० ई।
  27. योगदर्शन : पतंजलि, व्याख्याकार उदयवीर शास्त्री, विजयकुमार गोविन्द राम  हासानंदा, दिल्ली, संस्करण २०१५  ई। 
  28.  राजमार्तण्ड : राज भोज, व्यख्याकार डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू , चौखम्बा संस्कृत सीरीज आफिस, वाराणसी, संस्करण २००८  ई।
  29. विसर्ग से सृस्टि की उत्पत्ति ( प्रत्यक्ष शारीर विज्ञान): डॉ. हीरालाल शर्मा और डॉ सुधा शर्मा, चौखम्भा पब्लिशर्स, वाराणसी, संस्करण २००६ ई।
  30. विश्ववल्लभ - वृक्षायुर्वेद: चक्रपाणि मिश्र , सम्पादका एबं अनुवादक डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू, न्यू भारतीय बुक कारपोरेशन, दिल्ली, संस्करण २००४ ई।
  31. वास्तुरत्नावली : श्रीजीवनाथ झा, टीकाकार श्रीमदच्युतानन्द झा , चौखम्बा अमरभारती प्रकाशन, वाराणसी, संस्करण  १९८१ ई। 
  32. वास्तुरत्नाकर : श्री विन्ध्यास्वारी प्रसाद द्विवेदी, चौखम्बा संस्कृत सीरीज आफिस , वाराणसी, संस्करण २०१२  ई। 
  33. वृक्षायुर्वेद: सुरपाल, सम्पादका एबं अनुवादक डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू, चौखम्बा संस्कृत सीरीज आफिस , वाराणसी, संस्करण २००४  ई। 
  34. वृहत्संहिता : वराहमिहिर, सम्पादका एबं ब्याख्याकार डॉ.  सुरकान्त झा, चौखम्बा संस्कृत सीरीज आफिस , वाराणसी, संस्करण २०१२ ई। 
  35. वस्तुराजबल्लभ : श्रीमंडन सूत्रधार  रामयत्न ओझा, मास्टर खिलाडी लाल, वाराणसी, संस्करण १९९६ ई। 
  36. वास्तुकल्पलता : डॉ. हरिहर त्रिवेदी, चौखम्बा कृष्णदास अकादमी, वारणशी, संस्करण २००७ ई।
  37. विश्वकर्मा वास्तुशास्त्र : विश्वकर्मा, सम्पादका एबं अनुवादक डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू  एबं प्रो  भवर शर्मा, परिमल पब्लिकेशंस, दिल्ली, संस्करण २०१० ई। 
  38. विश्वकर्मा विद्याप्रकाश: रविदत्त शास्त्री, खेमराज श्रीकृष्णदास, मुंबई, संस्करण २०१६  ई। 
  39. वास्तु एबं शिला चयन : डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू , न्यू भारतीय बुक कारपोरेशन, दिल्ली, संस्करण २००५ ई। 
  40. वास्तु सौख्य : श्री टोडरमल्ल, सम्पादका एबं ब्याख्याकार: श्री कमला कांत शुकला , संपूर्णनंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वारणशी,  संस्करण २०१० ई। 
  41. वास्तु उद्धार धोरणी : सूत्रधार गोविंद, सम्पादका एबं अनुवादक डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू, चौखम्बा कृष्णदास अकादमी, वारणशी, संस्करण २००८ ई।
  42. वास्तुसारमण्डन एबं आयतत्त्व : श्रीमंडन सूत्रधार, सम्पादका एबं अनुवादक डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू, न्यू भारतीय बुक कारपोरेशन, दिल्ली, संस्करण २००५ ई।
  43. वास्तुविद्या : अज्ञात कृत, सम्पादका एबं अनुवादक डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू, चौखम्बा संस्कृत सीरीज आफिस, वाराणसी, संस्करण २००९  ई।
  44. वास्तुमंजरी : सूत्रधार नाथ कृत, सम्पादका एबं अनुवादक डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू, चौखम्बा संस्कृत सीरीज आफिस , वाराणसी, संस्करण २०१४  ई।
  45. विश्वकर्मा प्रकाश : विश्वकर्मा  खेमराज श्रीकृष्णदास, मुंबई, संस्करण २०१४  ई।
  46. वास्तु सारणी :श्री श्री मातृप्रसाद पाण्डेय, मास्टर खेलाडी लाल संकटा प्रसाद, वारणशी, संस्करण २०१३  ई।
  47. वैशेषिक दर्शन : कणाद, व्याख्याकार उदयवीर शास्त्री, विजयकुमार गोविन्द राम  हासानंदा, दिल्ली, संस्करण २०१४ ई।
  48. शिल्पशास्त्र :बाउरी महाराणा, सम्पादका एबं अनुवादक डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू, चौखम्बा संस्कृत सीरीज आफिस, वाराणसी, संस्करण २००६  ई।
  49. शिल्प दीपक : श्रीगंगाधर, सम्पादका एबं अनुवादक डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू, चौखम्बा संस्कृत सीरीज आफिस, वाराणसी, संस्करण २००५  ई।
  50. शिल्प शास्त्रे आयुर्वेद : भूलोकमल सोमेश्वर,सम्पादका एबं अनुवादक डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू  एबं प्रो  भवर शर्मा, चौखम्बा संस्कृत सीरीज आफिस, वाराणसी, संस्करण २००८ ई।
  51. सकलाधिकार : अगस्त्य मुनि, सम्पादका एबं अनुवादक डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू  एबं प्रो  भवर शर्मा, परिमल पब्लिकेशंस, दिल्ली, संस्करण २०१४ ई।
  52. सम्पूर्ण वास्तु शास्त्र : डॉ  निमाई वानारजी, रामचंद्र दास, ज्ञानजूग पब्लिकेशन, भुबनेश्वर।
  53. सम्पूर्ण वास्तुशास्त्र : डॉ भोजराज द्विवेदी, डाइमंड वूक्स, न्यू दिल्ली, संस्करण २०१४ ई।
  54. समरांगणसूत्रधार : महाराजा भोज, सम्पादका एबं अनुवादक डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू  एबं प्रो  भवर शर्मा, चौखम्बा संस्कृत सीरीज आफिस, वाराणसी, संस्करण  २०११ ई।
  55. सांख्यदर्शन : कपिल, व्याख्याकार उदयवीर शास्त्री, विजयकुमार गोविन्द राम  हासानंदा, दिल्ली, संस्करण २०१५ ई।
  56. Fabric of the Universe: the orignins, implications, andapplication of vastu science, by Jessie J. mercay, Dakshinaa publishing house, chennai, editions 2008. 
  57. Time = Space raguram Gopalan, http:/ragsgopalan.blogspot.com, editions 2012. 
  58. Aintiram : Maya Editor & Translator Dr. S. P. Sabharathnam,  Vaastu Vedic Research  Foundation, Chennai , editions 1997.  

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अग्निहोत्र विधि  अव हम नित्यकर्म का तृतीय प्रश्न का उत्तर देते है। पञ्चभू संस्कार  पञ्चभू संस्कार जिसे प्राचीन गृह सूत्र मे लक्षणवृत भी कहते है उसको सभी संस्कारादि मै अग्नि स्थापना करना से पूर्व करना चाहिये। यह इसप्रकार है : १. यज्ञकुण्ड में स्थित धूलि को साफ करना।  २. कुण्ड को गोबर और जल से लीपना।  ३. व्रज (जो  काष्ठ का खंड होता है ) या उसके आभाव मे स्रुवमुल से यज्ञकुण्ड के बरावर तीन रेखाये पूर्व से उत्तर तक खींचना चाहिये।  ४.  व्रजसे खींची गई रेखाओं से मिट्टी को अङ्गुष्ठा और अनामिका से  अलग करे।  ५. जल से यज्ञकुण्ड को छिडके।  अग्निहोत्र पात्र   १. स्रुव -२ २. आज्यस्थाली -२  ३. प्रोक्षणी -१  ४. प्रणिता -१  ५. पञ्च पात्र और आचमनी-२ (यह गृह के जितना लोक होंगे उतने लोक केलिये एक एक ) ६. अग्निपात्र -१  ७. चिमिटा -१  ८. वज्र -१  ९. आसान -२ (यह गृह के जितना लोक होंगे उतने लोक केलिये एक एक ) १०. कुशा  ११. जल  १२. आज्य  १३...
अथ वर्णसमाम्नाय: प्रथमः अध्यायः प्रथमः पादः अथातो वर्णक्रमः ॥१॥ तत्र: स्वराः प्रथमम् ॥२॥ अ आ आ३ ॥ ३॥ इ ई ई३  ॥४॥ उ ऊ ऊ३ ॥५॥ ऋ ॠ ॠ३ ॥६॥  ऌ ॡ३  ॥७॥ अथ सन्ध्यक्षराणि ॥८॥ ए ए३ ॥९॥ ऐ ऐ३  ॥१०॥ ओ ओ३ ॥११॥ औ औ३  ॥१२॥ इति स्वराः  ॥१३॥ अथ व्यञ्जनानि  ॥१४॥ कखगघङा कवर्ग:  ॥१५॥ चछजझञा चवर्ग:  ॥१६॥ टठडढणा टवर्ग:  ॥१७॥ तथदधना तवर्ग:  ॥१८॥ पफबभमा पवर्ग:  ॥१९॥ इति स्पर्शा:   ॥२०॥ अथान्त:स्था:  ॥२१॥ यरलवा  ॥२२॥ अथोष्माण:  ॥२३॥ शषसहा  ॥२४॥ अथायोगवाहा:  ॥२५॥ अ: विसर्जनीय:  ॥२६॥ ᳲक जिह्वामुलीय:  ॥२७॥ ᳲप उपध्मानीय:  ॥२८॥ अ॰ अनुस्वार:  ॥२९॥ कुँ खुँ गुँ घुँ यमा:  ॥३०॥ एते त्रिषष्टिवर्णा:  ॥३१॥ हुँ नासिक्य:  ॥३२॥ दुःस्पृष्टः ळकारः एकेषाम् ॥३३॥ एते चतुर्षष्टि:  ॥३४॥ पञ्चषष्ठिः एकेषाम् ॥३५॥ द्वितीय: पाद: वर्ण: कारोत्तोर वर्णाख्य  ॥१॥ अकारव्यवेतो व्यञ्जनानाम् ॥२॥ न अयोगवाहा: ॥ ३॥ एफस्तु रस्य  ॥४॥ अकारो व्यञ्जनानाम् ॥५॥ निर्देश इतिना  ।॥६॥ स्वरैरपि...

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